Shashvatam
Shiva: The Undying Dance (A Song of Eternity)
Embark on a sonic journey through the timeless realm of Shiva, the Destroyer and the Preserver.
मुझसे ही सृष्टि की, उत्पत्ति है हुई।
मैं काल हूँ विक्राल हूँ, मैं ही तो महाकाल हूँ,
इस सृष्टि की धरा मैं हूँ, मैं ही तो आकाश हूँ।
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
मैं पालक हूँ, वामन सो, मैं बालक हूँ,
वट की जटा मैं, मैं ब्रह्मांड संचालक हूँ।
नर नारी वं पुत्र भी मैं हूँ, महकल्याणी रुद्र भी मैं हूँ,
मुझमे सभी समा जाएं जो, शून्य से प्रबुद्ध भी मैं हूँ।
शशाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
चैतन्य शाश्वतं शान्तं व्योमातीतं निरंजनं ।
नाद बिन्दु कलातीतं तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
अनन्या लघिमा रूप है, चैतन्य शाश्वत स्वारूप है,
है पुण्य धरा मां जननी की, ईश्वरीय शक्ति अटूट है।
जागो तो पावन सवेरा है, वरना गगन भी अंधेरा है,
पास आओ तो जानो सत्य को, वरना क्या तेरा मेरा।है।
शशक्त कर अंतर मन को, हृदय से भाव अर्पण कर लो,
लो बंधन बांध उस ईश्वर से, लघिमा शाश्वत सम्बंध कर लो।
मैं पालक हूँ, वामन सो, मैं बालक हूँ,
वट की जटा मैं, मैं ब्रह्मांड संचालक हूँ।
नर नारी वं पुत्र भी मैं हूँ, महकल्याणी रुद्र भी मैं हूँ,
मुझमे सभी समा जाएं जो, शून्य से प्रबुद्ध भी मैं हूँ।
शशाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
पंडित की विनय सुनें, परम पिता भगवान,
सदाशिव शाश्वत रूप है, कोटी ब्रह्मांड तेरो धाम।
मैं साधक आपके चरणों मे लिख रहा,
शाश्वत सत्य का ज्ञान।
गुरुओं के परम गुरु, तुम्हें हृदय मे दूँ मैं स्थान ।
शशाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
शाश्वतं हूँ मैं शाश्वतं हूँ मैं
पंडित की विनय सुनें, परम पिता भगवान,
सदाशिव शाश्वत रूप है, कोटी ब्रह्मांड तेरो धाम।
मैं साधक आपके चरणों मे लिख रहा,
शाश्वत सत्य का ज्ञान।
गुरुओं के परम गुरु, तुम्हें हृदय मे दूँ मैं स्थान ।
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